top of page

Gyan vigyan sangam
" पुरातन युग में ज्ञान-विज्ञान का संगम "
Menu




यह भारतवर्ष है। एक महान सभ्यता... जहां ज्ञान की धाराएं अविरत बहती रही है। जहां ज्ञान और विज्ञान ने अपनी चरम सीमा तक को छुआ है। एसी पावन धरा की गाथा जो की अस्तित्व में आज भी विद्यमान है, उसे मनुष्य के सामने उझागर करने का एक छोटा सा प्रयास कर रहे है।
"वसुधैव कुटुंबकम्" जिनका हरदम नारा रहा, सोने की चिड़िया का जहां डेरा रहा, पुरातन भारतवर्ष ना ही केवल ज्ञान में अव्वल था, किन्तु वह तो विज्ञान में भी अव्वल रहा है।
ऐसे महान राष्ट्र को हम ज्ञान-विज्ञान के संगम की उपाधि दे सकते है, जिसने सम्पूर्ण विश्व को उपर उठना सिखाया, आयुर्वेद से लेकर, भौतिक विज्ञान, खगोल, मानव शरीर रचना विज्ञान, गणित, नाट्य कला, युद्ध कला, वैमानिकी, व्यापार, और न जाने कितना सब कुछ प्रथम बार भारत से ही प्रचलित हुआ है। हमारे महान ऋषि मुनि जो की अति उत्कृष्ट वैज्ञानिक भी थे। उनके ज्ञान और विज्ञान के उत्कृष्ट संशोधन के आधार पर ही आज का आधुनिक विज्ञान सांस ले पा रहा है। उनके संशोधन तो आज भी सभी को हैरत में डाल रहे है।
भारत एवं यहां के ऋषि मुनियों की महानता, जो कछुक आक्रांताओं के चलते दब गई थी, उसे गुरु आज्ञा से पुनः उजागर करने का हमारा यह छोटा सा प्रयास मात्र है । "वसुधैव कुटुंबकम्" नारा सफल बने... यही हमारा लक्ष एवम हृदय की भावना है।
Click Twice to Open ↓
Introduction
Gyan Vigyan Sangam:
- Scientists
- Invention
- Discovery
ScientistsInvention - Mystery - Discoveries - Vedic - Scientists
bottom of page